कश्मीर पर ट्रंप ने फिर की मध्यस्थता की पेशकश
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व के साथ यहां अलग-अलग बैठकों में कश्मीर मुद्दे पर ‘मध्यस्थता’ की पेशकश की तथा परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों को बस इसका समाधान करना है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (file photo) |
हाल के हफ्तों में यह चौथा मौका है जब ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है।
यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के सत्र से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति के इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के बाद ट्रंप की यह टिप्पणी आई है।
ट्रंप ने महासभा सत्र में शामिल होने के बाद बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्प्णी में कहा, ‘मेरा कहना है..इसका समाधान करिये..बस समाधान करिये।’ भारत यह कहता रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की किसी गुंजाइश को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
मोदी ने पिछले महीने फ्रांस के समुद्र तटीय शहर बिआरित्ज में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर ट्रंप के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में कहा था, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय प्रकृति के हैं और हम किसी तीसरे देश को परेशान नहीं करना चाहते। हम इन मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं और उनका हल कर सकते हैं।
मोदी और ट्रंप की इस हफ्ते की बैठक में पाकिस्तान से होने वाले आतंकवाद और भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार से जुडे मुद्दों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया था। जबकि इमरान और ट्रंप ने अपनी बैठक में अफगान शांति प्रक्रिया और कश्मीर को लेकर भारत-पाक तनावों पर चर्चा की। भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
| Tweet |