क्राइस्टचर्च पहल का हिस्सा बनने के लिए फ्रांस ने भारत को सराहा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने की ऑनलाइन पहल क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन पर सहयोग के लिए भारत की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों |
भारत ने क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अंतर्गत सोशल मीडिया पर चरमपंथी और हिंसक सामग्रियों को हटाने का प्रावधान किया गया है।
क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन का नाम न्यूजीलैंड स्थित उस शहर के नाम पर रखा गया है, जहां इस साल मार्च में मस्जिदों पर हुए हमले में 51 लोग मारे गए थे।
मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के कार्यक्रम से इतर आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथियों के खात्मे के लिए हुई चर्चा के दौरान सोमवार को भारत के कदम की सराहना की। उन्होंने कहा कि एक अरब से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाला लोकतांत्रिक देश भारत अतिवाद और चरमपंथी सामग्री के ऑनलाइन उपयोग से निपटने में कार्रवाई की भावना के साथ आगे आया है।
क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन एक स्वैच्छिक संकल्प है, जिस पर भारत सहित 18 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसी के साथ 15 मई को आठ प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों ने ऑनलाइन हस्ताक्षर करने के लिए कानूनी, नियामक और तकनीकी समाधानों का पता लगाने के लिए गैर-बाध्यकारी तरीके से अपने हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर करने वाले देश आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी सामग्री का प्रसार रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नेताओं की बातचीत के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) गीतेश सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न प्रतिभागियों ने आतंकवादी और हिंसक चरमपंथी प्रतिक्रियाओं पर चर्चा की। इसके अलावा नेताओं ने क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन का भी जायजा लिया।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए उसी तरह से वैश्विक एकजुटता पर तत्परता दिखाने का आह्वान किया, जैसे दुनिया ने जलवायु परिवर्तन पर एकजुटता दिखाई है।
सरमा के अनुसार, इस दौरान मोदी ने कहा, "अच्छा या बुरा आतंकवाद मानने के बजाए, कहीं भी होने वाले आतंकवादी हमले को केवल आतंकवाद माना जाना चाहिए।"
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