इंडोनेशिया में बाढ़ से 15000 बेघर
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और बेंगकुलु प्रांत के पश्चिमी हिस्से में भूस्खलन होने से 12 लोगों की मौत हो गई तथा अन्य आठ लापता हो गए हैं।
इंडोनेशिया में बाढ़ |
इसकी वजह से 15 हजार लोगों को घर छोड़कर अन्य स्थानों पर शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने बताया कि मृत लोगों में से दस और सभी लापता व्यक्ति इसी प्रांत के हैं। प्रवक्ता ने बताया कि जकार्ता में बाढ़ की वजह से व्यावसायिक गतिविधियों बाधित नहीं हुई हैं। सुतोपो ने कहा शुक्रवार से इस प्रांत के लोगों को बाढ़ और भूस्खलन की मार झेलनी पड़ रही है। रविवार तक अधिकतर स्थानों में पानी घटना शुरू हो गया है लेकिन प्रांत के अधिकतर आवासीय क्षेत्र बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। प्रवक्ता ने बताया इस प्राकृतिक आपदा से 184 घरों, चार स्कूली इमारतों ,सड़कों, पुलों और वाटर चैनलों को नुकसान पहुंचा है। इन हादसों में दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए है और अन्य दो को मामूली चोटें आयी हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर पानी कम हो गया है लेकिन अधिकारियों ने चेताया है कि इससे हुई क्षति का अबतक आकलन नहीं हुआ है और कुछ इलाके अब भी कटे हुए हैं। सुतोपो पुरवो नुग्रोहो ने बताया, इस आपदा का प्रभाव बढ़ सकता है। उन्होंने बताया, अगर बारिश ऐसी तेज हुई तो भूस्खलन फिर से हो सकता है और बाढ़ दोबारा आ सकती है। भूस्खलन और बाढ़ की घटना इंडोनेशिया में होती रहती है, विशेष रूप से मानसून के दौरान अक्टूबर और अप्रैल के बीच में।
मोजाम्बिक में चक्रवाती तूफान से आई बाढ़
पेम्बा (एपी)। उत्तरी मोजम्बिक में चक्रवाती तूफान केनेथ की वजह से बाढ़ आ गई है। सरकार ने लोगों से फौरन ही ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। बाढ़ के चलते हजारों लोगों का जीवन जोखिम में पड़ गया है। क्षेत्र के मुख्य शहर पेम्बा में बा¨शदों ने कहा , ‘हमारी मदद कीजिए, हम सब कुछ खो रहे हैं।’संयुक्त राष्ट्र के एक कर्मचारी ने कहा कि यहां मकान ढहने लगे हैं। अधिकारियों के मुताबिक बृहस्पतिवार शाम चक्रवाती तूफान केनेथ के आने के बाद से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है।
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