परम मुक्ति
अगर आप इस जीवन के बारे में, इसकी प्रकृति के बारे में जानते हैं, अगर आप अपने जीवन के सभी आयामों से बखूबी परिचित हैं, तो आप यादों के उस बुलबुले के बारे में भी जानते होंगे, जिसमें फिलहाल आप अभी रह रहे हैं।
सद्गुरु |
आप उससे बाहर भी निकलना चाहेंगे। मान लीजिए कि पिछली यादें वापस आपके पास आई, किसी ने आपको इसके बारे में बताया नहीं, आपने वास्तव में महसूस किया, तो आप देखेंगे कि आप इसे हजारों बार कर चुके हैं, लेकिन फिर भी आप उसी एक जैसी प्रक्रिया से बार-बार गुजर रहे हैं।
मैं चाहता हूं कि आप अपने जीवन की प्रक्रिया पर नजर डालें..आप पैदा हुए, आपने चलना सीखा, यह आपके लिए सबसे रोमांचक चीज थी, आपने कोई चीज खाई, जो बेहद शानदार थी, इस तरह आप बड़े होते गए, फिर आपकी शादी हुई, आपने यह किया, वह किया, पैसा कमाया, बच्चे पैदा किए और फिर आप मर गए।
मैं आपके जीवन की कहानी को थोड़ा छोटा करके पेश कर रहा हूं। उसके बाद आप फिर से पैदा हुए, पहली बार खड़े होने पर आप फिर से रोमांचित हुए, इतना ही नहीं, आप अपनी साइकिल चलाने पर भी खूब खुश हुए, आप फिर से अपनी गर्लफ्रेंड से मिले, आप बहुत खुश थे, और फिर से आपकी शादी हो गई और ऐसे ही यह सिलसिला चलता गया। बार-बार जीवन क्रम ऐसे ही दोहराता रहा।
तो अच्छी तरह से रहने का मतलब है कि आपने जीवन के सभी पहलुओं को अच्छी तरह से समझ लिया। अगर आपने जीवन को जानने के लिए यहां मौजूद सभी चीजों को अच्छी तरह से समझ लिया तो अब तक तो आपकी यादों का वो बुलबुला फूट जाना चाहिए, जिसको आप सहेजकर रख रहे थे। अगर ये सारे बुलबुले आपके भीतर फूट पड़ें तो निश्चित रूप से आप दूसरे आयाम की ओर बढ़ना चाहेंगे।
आज हर इंसान अपनी तरक्की चाहता है, भले ही वह कुछ भी कर रहा हो। आप स्कूल पढ़ने गए, क्या आपको स्कूली जीवन में मजा आया? बेशक आया। तो अगर स्कूल का जीवन इतना अच्छा था, तो क्या हम आपको हमेशा के लिए स्कूल में रख सकते हैं? या फिर आप कॉलेज जाना चाहेंगे? क्यों? क्योंकि यह मानव की प्रकृति नहीं होती। एक बार अगर उसे अहसास हो जाता है कि वह बार-बार उन्हीं चीजों को दोहरा रहा है तो वह परेशान होगा, उसे तकलीक होगी।
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