मंडेला अब तस्वीरें ही बाकी....

 रंगभेद विरोधी आंदोलन के प्रणेता नेल्सन मंडेला का निधन

नस्लभेद की जड़ें साउथ अफ्रीका में यूरोपीय शासन के शुरुआती दिनों से ही मौजूद थीं. 1948 में नेशनल पार्टी की पहली सरकार के सत्ता में आने के बाद नस्लभेद को कानूनी दर्जा दे दिया गया. इस चुनाव में सिर्फ श्वेत लोगों ने ही मत डाले थे. मंडेला महात्मा गांधी से बेहद प्रभावित थे. लोग उन्हें साउथ अफ्रीका के गांधी भी कहते थे. उनके राजनीतिक आंदोलनों और संघर्षों में महात्मा गांधी के विचारों का असर साफ दिखता है.

 
 
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