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- फ्रेंच ओपन जीत से मालामाल हुए वावरिंका
बैकेट के वाक्य को वावरिंका ने सही भी साबित किया. उन्होंने 2005 में रोलां गैरोस की लाल बजरी पर भाग्य आजमाना शुरू किया था. लगातार 10 साल नाकाम रहे और क्वार्टर फाइनल के भी आगे नहीं बढे. हार के बावजूद हार नहीं मानी और इस बार सफलता हासिल करके ही दम लिया.
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