दिलीप कुमार के मकान के मामले में अधिकारियों का वेतन रोका गया

दिलीप कुमार के मकान के मामले में अधिकारियों का वेतन रोका गया

याचिकाकर्ता के वकील शाहनवाज खान ने तर्क दिया कि कुमार के पिता ने वह मकान बंटवारे के बाद 500 रुपए में एक व्यक्ति को बेच दिया था, जिसने बाद में उसे एक अन्य व्यक्ति को बेच दिया, जिससे उनके मुवक्किल ने इसे खरीदा. वकील का कहना था कि उनके मुवक्किल ने यह घर 2007 में खरीदा लिहाजा इसे राष्ट्रीय धरोहर इमारत घोषित नहीं किया जा सकता है.

 
 
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