मुद्दा : अर्थव्यवस्था को मजबूती देते प्रवासी

Last Updated 02 Jul 2024 01:38:56 PM IST

हाल ही में 27 जून को यूनाइटेड नेशंस माइग्रेशन एजेंसी के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय प्रवासियों के द्वारा वर्ष 2023-24 में भेजा गया रेमिटेंस (प्रवासियों के द्वारा अपने घर भेजा गया धन) दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा है। पिछले वर्ष में यह रेमिटेंस 107 अरब डॉलर यानी 8.95 लाख करोड़ रुपए की ऊंचाई पर है।


मुद्दा : अर्थव्यवस्था को मजबूती देते प्रवासी

खास बात यह है कि पिछले वर्ष में भारतीयों द्वारा भेजी गई यह रकम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) से लगभग दो गुना है। यह लगातार दूसरा साल है, जब भारतीयों ने 100 अरब डॉलर से ज्यादा की धनराशि भारत भेजी है। पिछले वर्ष 2022-23 में भारतीय प्रवासियों ने 111 अरब डॉलर का रेमिटेंस भारत भेजा था। ज्ञातव्य है कि भारत के बाद मेक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस सबसे ज्यादा रेमिटेंस प्राप्त करने वाले देश है।

यह भी कोई छोटी बात नहीं है कि पिछले एक दशक में भारत में लगातार अन्य देशों के मुकाबले रेमिटेंस सबसे अधिक रहा है। भारत में वर्ष 2010 में रेमिटेंस के तौर पर 53.48 अरब डॉलर आए थे। वहीं ये वर्ष 2015 में बढ़कर 68.19 अरब डॉलर और वर्ष 2020 में 83.15 अरब डॉलर हो गए हैं। प्रवासी भारतीयों की से भारत भेजा गया धन वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब ड़ॉलर था। प्रवासियों का यह धन जहां प्रवासियों के परिजनों को मुस्कुराहट दे रहा है, वहीं अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभप्रद है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जब कोविड-19 के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 फीसद की ऋणात्मक विकास दर की स्थिति में पहुंच गई थी और बड़ी संख्या में उद्योग-कारोबार बंद होने के कारण देश में आर्थिक-सामाजिक परेशानियां बढ़ गई थी, उस समय आर्थिक मुश्किलों के बीच भारतीय प्रवासियों के द्वारा भेजी गई बड़ी धनराशि से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा सहारा मिला था। गौरतलब है कि दुनिया में प्रवासी भारतीयों की संख्या करीब 1 करोड़ 80 लाख है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारत के हैं। सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं। पहले जहां भारत से अकुशल श्रमिक कम आय वाले खाड़ी देशों में जाते थे, वहीं अब विदेश जाने वाले भारतीयों में हाई स्किल्ड लोगों की संख्या ज्यादा है जो अमेरिका, इंग्लैंड, सिंगापुर, आस्ट्रे्लिया और न्यूजीलैंड जैसे उच्च आय वाले देशों में जा रहे हैं। ऐसे में वे अधिक कमाई करके अधिक धन भारत भेज रहे हैं।

निसंदेह प्रवासी भारतीय भारत की राजनीतिक, आर्थिक और कारोबारी शक्ति बढ़ाने में भी अहम सहयोग कर रहे हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है कि दुनिया के कोने-कोने में भारतवंशी और प्रवासी भारतीयों की राजनीतिक, आर्थिक और कारोबारी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती ऊंचाई भारत के तेज विकास के मद्देनजर महत्त्वपूर्ण हो गई है। इतना ही नहीं भारतवंशी व प्रवासी भारतीय वैश्विक आर्थिक व वित्तीय संस्थानों आईटी, कम्प्यूटर, मैनेजमेंट, बैंकिंग, वित्त आदि के क्षेत्र में भी बहुत आगे हैं। माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई, नोवार्टसि के वसंत नरसिम्हन आदि अपनी प्रतिभा, कौशल से कारोबार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया की अगुवाई कर रहे हैं और भारत के विकास के सहभागी भी बन रहे हैं। इस समय 18वीं लोक सभा चुनाव के बाद भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की एनडीए गठबंधन सरकार बनने के बाद प्रवासियों का कहना है कि एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी नई सरकार से प्रवासियों को भारत के विकास में सहयोग और सहभागिता करने के मद्देनजर नई ऊर्जा प्राप्त होगी।

अमेरिका में कार्यरत भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक फंडराइजर तथा भारत हितैषी प्रवासियों के विभिन्न संगठनों का कहना है कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के आर्थिक और राजनीतिक मंचों पर जिस तरह भारत की सफलताओं का परचम फहराया है, उससे  प्रवासियों के द्वारा गर्व अनुभव किया जा रहा है। उनका मानना है कि पिछले 10 वर्षो में भारत की सुरक्षा में सुधार हुआ है। सरकार ने आतंकवादी खतरों या आतंकवादी घटनाओं को नियंत्रित कर दिया है। सरकार की नीतियां भारत को आगे बढ़ा रही हैं।

ज्ञातव्य है कि जहां वर्ष 2023 में इस्रइल और हमास आतंकियों के बीच चल रहे संघर्ष के बीच इस्रइल में फंसे भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन अजय’ चलाया है। साथ ही वर्ष 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन में भारतीय समुदाय सीधे खतरे में आ गया था। तब ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत बड़ी संख्या में भारतीयों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया था। इसमें कोई दो मत नहीं कि अभी भारत द्वारा अपने प्रवासियों के दुख-दर्द को कम करने में और अधिक सहयोग किया जाना होगा। भारत सरकार की और अधिक सक्रियता जरूरी है। हम उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में एनडीए गठबंधन की नई सरकार के द्वारा प्रवासियों के साथ स्नेह व सहभागिता के नए अध्याय लिखे जा सकेंगे।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी


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