अरबपतियों की संपत्ति 2000 अरब डालर बढ़ी
दुनियाभर में अरबपतियों की संपत्ति 2024 में 2000 अरब अमेरिकी डालर बढ़कर 15,000 अरब अमेरिकी डालर हो गई जो 2023 की तुलना में तीन गुना अधिक है। यह जानकारी अधिकार समूह ‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ की वैश्विक असमानता पर नवीनतम रिपोर्ट में दी गई।
अरबपतियों की संपत्ति 2000 अरब डालर बढ़ी |
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ - WEF) की वाषिर्क बैठक से कुछ घंटे पहले सोमवार को ‘टेकर्स, नॉट मेकर्स’ शीषर्क वाली यह रिपोर्ट यहां जारी की गई।
ऑक्सफैम ने कहा कि 2024 में एशिया में अरबपतियों की संपत्ति में 299 अरब अमेरिकी डालर की वृद्धि हुई। वर्ष 2024 में अरबपतियों की सूची में 204 नए लोग शामिल हुए। औसतन हर सप्ताह करीब चार नाम इसमें शामिल हुए। इस वर्ष केवल एशिया से 41 नए अरबपति सूची में शामिल हुए।
इसमें कहा गया, अरबपतियों की 60 प्रतिशत संपत्ति अब विरासत, एकाधिकार शक्ति या सांठगांठ वाले संबंधों से प्राप्त होती है, जो दर्शाता है कि ‘अरबपतियों की अत्यधिक संपत्ति काफी हद तक अनुपयुक्त है।’
अधिकार समूह ने दुनिया भर की सरकारों से असमानता को कम करने, अत्यधिक धन-संपदा को समाप्त करने तथा नए अभिजात्यतंत्र को समाप्त करने के लिए सबसे अमीर लोगों पर कर लगाने का आग्रह किया। इसमें पूर्व की औपनिवेशिक शक्तियों से हुई क्षतियों की भरपाई कराने की भी मांग की गई।
अरबपतियों की संपत्ति 2024 में औसतन 5.7 अरब अमेरिकी डालर प्रतिदिन की दर से बढ़ी, जबकि अरबपतियों की संख्या 2023 में 2,565 से बढ़कर 2,769 हो गई।
ऑक्सफैम ने कहा कि दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति औसतन प्रतिदिन लगभग 10 करोड़ अमेरिकी डालर बढ़ी। वे रातोंरात अपनी संपत्ति का 99 प्रतिशत खोने पर भी अरबपति बने रहेंगे।
ऑक्सफैम इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहार ने कहा, ‘‘हमारी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कुछ खास लोगों का कब्जा इतना बढ़ गया है, जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। अरबपतियों को रोकने में विफलता के कारण अब जल्द ही लोग खरबपति बनने जा रहे हैं।
अरबपतियों की संपत्ति जमा करने की दर न केवल तीन गुना बढ़ गई है, बल्कि उनकी ताकत भी बढ गई है।’ उन्होंने कहा, ‘ हम इस रिपोर्ट को एक चेतावनी के रूप में प्रस्तुत करते हैं कि दुनिया भर में आम लोग कुछ मुट्ठी भर लोगों की अपार संपत्ति के आगे कुचले जा रहे हैं।’
ऑक्सफैम ने गणना की है कि अब अरबपतियों की 36 प्रतिशत संपत्ति विरासत में मिली हुई है। इसमें कहा गया कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे ‘ग्लोबल नॉर्थ’ के देशों के सबसे अमीर एक प्रतिशत लोग 2023 में वित्तीय प्रणाली के माध्यम से ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों से प्रति घंटे तीन करोड़ अमेरिकी डालर प्राप्त करेंगे।
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