सतत वृद्धि के लिये स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अधिक निवेश की जरूरत: RBI गवर्नर
Last Updated 22 Sep 2021 05:21:31 PM IST
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश तथा श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो) |
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि महामारी के बाद सतत आर्थिक वृद्धि के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश तथा श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
एआईएमए राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने सतत वृद्धि और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये स्वास्थ्य शिक्षा, डिजिटल क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं में निवेश बढ़ाने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने उभरते और विकासशील देशों में सबसे ज्यादा गरीब और वंचित तबकों को प्रभावित किया है।
दास ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास महामारी के बाद रहने योग्य और टिकाऊ वृद्धि सुनिश्चित करने का होना चाहिए। आने वाले समय में निजी खपत को टिकाऊ रूप से पटरी पर लाना महत्वपूर्ण होगा। यह ऐतिहासिक रूप से समग्र मांग का मुख्य आधार रहा है। ’’
आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सतत वृद्धि मध्यम अवधि के निवेश, मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़नी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नवोन्मेष, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश को गति देने की जरूरत है। हमें प्रतिस्पर्धा और गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और महामारी से उत्पन्न अवसरों से लाभ उठाने के लिए श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को जारी रखा चाहिए।’’
आरबीआई गवर्नर के अनुसार इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सतत वृद्धि मध्यम अवधि के निवेश, मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़नी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नवोन्मेष, भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में निवेश को गति देने की जरूरत है। हमें प्रतिस्पर्धा और गतिशीलता को प्रोत्साहित करने और महामारी से उत्पन्न अवसरों से लाभ उठाने के लिए श्रम एवं उत्पाद बाजारों में सुधारों को जारी रखा चाहिए।’’
| Tweet |