धोखाधड़ी करने वालों की पहली पसंद बना हीरा
हीरे को हमेशा से महिलाओं का पसंदीदा आभूषण माना जाता रहा है लेकिन अब यह धोखाधड़ी करने वालों की पहली पसंद बन गया है.
धोखाधड़ी करने वालों की पहली पसंद बना हीरा |
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के पीछे भी हीरा कारोबारी की ही मुख्य भूमिका बताई जा रही है. कई नियामक अब इस क्षेत्र में साठगांठ की जांच कर रहे हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि पूंजी बाजार नियामक इस बात को ध्यान में रखते हुए हीरा कारोबारियों और शेयर बाजार ब्रोकरों के बीच साठगांठ की जांच कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़ी इकाइयों तथा मेहुल चोकसी की आभूषण कंपनी गीतांजलि जेम्स के शेयर कारोबार और विभिन्न संदिग्ध उल्लंघनों की जांच कर रहा है.
बैंकिंग नियामक भी पंजाब नेशनल बैंक की कारोबारी प्रणाली का निरीक्षण कर रहा है. वहीं अन्य बैंकों ने हीरा और आभूषण कारोबार से जुड़े ग्राहकों को लेकर अपनी सतर्कता बढ़ाई है. इसके अलावा कंपनी मामलों का मंत्रालय मोदी और चोकसी से जुड़ी कंपनियों तथा उनके निदेशकों द्वारा दाखिल की गई सूचनाओं की जांच कर रहा है. ऐसी कंपनियों और निदेशकों की संख्या दर्जनों में है. इसके अलावा मंत्रालय ने 150 छद्म कंपनियों की जांच के लिए पहचान की है.
देश में कम से कम चार पंजीकृत कंपनियां और चार एलएलपी ऐसी हैं जिनमें मोदी निदेशक हैं. हालांकि, वह उससे जुड़ी या उसके नाम वाली कंपनियों में निदेशक नहीं हैं. मोदी जिन चार कंपनियों में निदेशक हैं उनमें फायरस्टार डायमंड प्राइवेट लि., फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लि., राधा ज्वेलरी कंपनी और ज्वेलरी सोल्यूशंस इंटरनेशनल. जिन चार कंपनियों में सीमित दायित्व भागीदार फर्मों से मोदी सीधे जुड़े हैं उनमें पांचजन्य डायमंड्स एलएलपी, नीशाल एंटरप्राइजेज एलएलपी, पैरागन ज्वेलरी एलएलपी और पैरागन मर्चेंडाइजिंग शामिल हैं.
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