मरीजों को मिलेंगी सस्ती दवाएं, ब्रांडेड दवाओं के साथ जेनरिक दवाएं लिखना अनिवार्य करेगी सरकार
सरकार आम लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने और सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सकों से ब्रांडेड दवाओं के साथ जेनरिक दवाएं लिखने को अनिवार्य बनाएगी.
फाइल फोटो |
उर्वरक एवं रसायन मंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को अपने मंत्रालय के तीन साल की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए पत्रकारों को बताया कि मेडिकल कांउसिल आफ इंडिया ने 21 अप्रैल
को सभी चिकित्सकों से ब्रांडेडे दवाओं के साथ-साथ जेनरिक दवाएं भी लिखने का अनुरोध किया है.
जेनरिक दवाओं के नाम अंग्रेजी के कैपिटल लेटर में लिखे जाएंगे. इसका उल्लंघन करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी गई है.
उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने केन्द्र सरकार के सभी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से जेनरिक दवाएं लिखने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही राज्यों से भी जेनरिक दवाओं के लिखने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा कि 13 राज्यों के सरकारी अस्पतालों में लोगों को निशुल्क दवाएं दी जाती है और वह वहां के मुख्यमंत्रियों से ब्रांडेड दवाओं की जगह जेनरिक दवाएं देने के लिए बातचीत करेंगे. इससे सरकारी राजस्व की भी बचत होगी.
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा निर्माता भारतीय और विदेशी कंपनियों को ब्रांडेड दवाओं के नाम के नीचे जेनरिक दवाओं के नाम मोटे-मोटे अक्षरों में लिखने का आदेश दिया है. कुमार ने कहा कि देश में 10000 दवा बनाने वाली कंपनियां हैं जिनमें से 1400 कंपनियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता प्राप्त हैं.
| Tweet |