खामियाजा भरना नामुमकिन

Last Updated 30 Jul 2024 01:57:05 PM IST

दिल्ली के ओल्ड राजेन्द्र नगर स्थित नामी कोचिंग सेंटर राव के बेसमेंट में जलभराव से तीन छात्रों की मौत वाकई दुखद है। कोचिंग संस्थान, सिविक एजेंसी और सरकारी मशीनरी की काहिली से यह जानलेवा स्थिति बनी।


खामियाजा भरना नामुमकिन

 यहां बरसात का पानी अचानक भर गया, वहां बनी लाइब्रेरी में तकरीबन 35 छात्र पढाई कर रहे थे। बता रहे हैं, शुरुआत में पानी थोड़ा था पर अचानक बरसाती पानी की रफ्तार बहुत तेज हो गई। तेज स्पार्किग के साथ धमाका हुआ और बिजली गुल हो गई। अफरा-तफरी में वे बाहर की तरफ भागे मगर बायोमैट्रिक लगा होने के कारण दरवाजा नहीं खुला। पांच मिनट में भूतल में 10-12 फीट पानी भर गया था। बचाव दल ने छात्रों को बमुश्किल निकाला।

दो छात्रों का पोस्टमार्टम में उनकी मौत डूबने व गंदा पानी फेफड़ों में भरने से होने की रपट है, एक छात्र के परिजन के पहुंच न पाने के कारण शव सुरक्षित रखा गया। मामले में कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता समेत कुल सात आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। नियमानुसार जिस भूतल को केवल स्टोर के लिए इस्तेमाल करना था, वहां कक्षा है और पुस्तकालय भी। राजधानी में केंद्र सरकार की नाक के नीचे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की देश भर में काफी निंदा की जा रही है।

दमकल विभाग का कहना है, वहां मौजूद तमाम कोचिंग सेंटरों ने मुख्यद्वार स्लाइडिंग बनाए हैं। ताकि बरसात का पानी वहां न आ पाए। ऐसे तेरह सेंटरों को आनन-फानन सील भी कर दिया गया है। नौ माह का शुल्क डेढ़ लाख से अधिक लेने वाले राव जैसे अन्य सेंटरों के कुछ छात्र इस अव्यवस्था की लिखित शिकायत भी कर चुके थे। यहां संकरी गलियों के छोटे-छोटे घरों में रहने व पढाई करने वाले छात्रों का जमावड़ा रहता है। कुछ ही दिन पहले ऐसे ही सेंटर में आग लगने की घटना हो चुकी है।

सरकार ने मुंह छिपाने के लिए आनन-फानन नए नियम लागू कर दिए हैं। मगर इन होनहार छात्रों के जीवन का खामियाजा तो किसी भी तरह नहीं भरा जा सकता। सख्त सजा से जरूरी है, देश भर के छात्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जाए और लापरवाही करने वाले संस्थानों को यूं ही मुक्त न छोड़ दिया जाए। मालिकों व प्रबंधकों के अतिरिक्त इस हादसे की सरकार भी कम जिम्मेदार नहीं है। उसे अपनी लापरवाही को सुधारना होगा। कुल मिलाकर खराब जल निकासी और सरकारी तंत्र की घोर लापरवाही के चलते दूरदराज से अधिकारी बनने का ख्वाब लिए बच्चों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। दिल दुखाने वाली इस घटना की टीस लंबे आजीवन रहेगी।



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